CAA क्या है ? आर्टिकल 131 का इस्तेमाल करके CAA को रद्द किया जा सकता है ?

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका ब्लॉगिंग हिंदी ब्लॉग पर. CAA ( Citizenship Amendment Act )मतलब नागरिकता संशोधन कानून पर शुरू हुआ विवाद, खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा.

पहले पूरे देश में प्रदर्शन हुए. कुछ जगह पर हिंसा हुई. फिर मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया.

अलग अलग याचिका के जरिए इस कानून को चुनौती दी गई. कई गैर बीजेपी शासित राज्यों में.

इस कानून को लागू करने से मना कर दिया. जिसकी बात केंद्र सरकार की ओर से साफ किया गया.

नागरिकता केंद्र सूची का विषय है जिसे राज्यों को हर हाल में मानना ही होगा.

लेकिन केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन Pinarayi Vijayan इसे मानने को तैयार नहीं है. केरल सरकार की और से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखल की गयी है.

CAA Kya Hai Janiye. CAA क्या है जानिए ?

और इसके लिए आधार बनाया गया है.

संविधान के आर्टिकल 131 को जो केंद्र और राज्य के बीच विवाद की स्थिति में,

सुप्रीम कोर्ट को फैसला देने का अधिकार देता है.

यूं तो केंद्र सरकार और राज्य सरकार के ताकतों के बारे में भारतीय संविधान में साफ-साफ लिखा गया है.

बताया गया है कि केंद्र सूची के विषय पर केंद्र राज्य के विषय पर राज्य और समवर्ती सूची पर

केंद्र और राज्य दोनों मिलकर कानून बनाएंगे.

फिर भी कई बार ऐसी परिस्थितियां पैदा हो जाती है, कि केंद्र और राज्य के बीच टकराव हो जाता है.

और जब ऐसा होता है तो संविधान का आर्टिकल 131 सुप्रीम कोर्ट को यह ताकत देता है.

CAA
CAA KYA HAI

की ऐसे मामलों में फैसला ले सके भारतीय संविधान के आर्टिकल 131 में साफ तौर पर लिखा है. कि भारत सरकार एक या अधिक राज्य के बिच

या फिर एक और भारत सरकार या कोई और राज्य. और दूसरी ओर एक या अधिक राज्य के बीच या फिर 2 से अधिक राज्य. के बीच किसी भी विवाद की स्थिति में ऐसा कोई सवाल उठता है.

जिस पर कोई कानूनी फैसला लिया जा सके. तो ऐसी स्थिति में फैसले का अधिकार सुप्रीम कोर्ट के पास है.

हालांकि इस आर्टिकल में यह साफ तौर पर लिखा हुआ है. इसके जरिए सुप्रीम कोर्ट संविधान लागू होने से पहले से किसी सवाल पर फैसला नहीं दे सकता.

संविधान के इसी आर्टिकल का इस्तेमाल करके. केरल के सरकार ने CAA (Citizenship Amendment Act)पर सवाल उठाए हैं.

केरल सरकार ने कहा है कि संसद से पारित नया संविधान कानून संविधान के अनुच्छेद 14,21 और 25 का उल्लंघन करता है. केरल सरकार ने यह भी कहा है.

संविधान के अनुच्छेद 256 के मुताबिक केरल को नागरिकता संशोधन कानून का पालन करने के लिए केंद्र सरकार मजबूर कर देगी. राज्यों के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है

इसलिए यहां ऐसा विवाद है जो केरल राज्य और केंद्र सरकार के बीच है.

इसलिए सुप्रीम कोर्ट को संविधान के आर्टिकल 131 किसका इस्तेमाल करते हुए सुनवाई करनी चाहिए.

पहली बार CAA का इस्तेमाल पश्चिम बंगाल में किया था

आर्टिकल 131 का पहला मामला साल 1963 में सामने आया था.

तब बंगाल के सरकार ने केंद्र के एक कानून का विरोध किया था.

और उस मामले को सुप्रीम कोर्ट में लेकर गए थे. केंद्र ने पश्चिम बंगाल के कोयला वाले इलाकों के लिए. The Coal Bearing Areas (Acquisition and Development) Act बनाया था.

जिसका पश्चिम बंगाल सरकार ने विरोध किया था उसमें उन्होंने कहा था.

कि कोयला राज्य सरकार का विषय है लेकिन सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार की इस बात पर सहमत नहीं हुआ.

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